कंप्यूटर का इतिहास: विकास, पीढ़ियाँ और आधुनिक युग




कंप्यूटर आज हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा है। गणना से लेकर कृत्रिम बुद्धिमत्ता तक, कंप्यूटर ने मानव सभ्यता को बदल दिया है। इस लेख में हम कंप्यूटर के इतिहास, उसके विकास, विभिन्न पीढ़ियों और आधुनिक युग पर विस्तार से चर्चा करेंगे। एसईओ अनुकूलित इस लेख में कीवर्ड जैसे "कंप्यूटर का इतिहास", "कंप्यूटर की पीढ़ियाँ", "कंप्यूटर विकास", "आधुनिक कंप्यूटर" और "कंप्यूटर इतिहास हिंदी में" शामिल हैं, ताकि आपको पूरी जानकारी मिले। कंप्यूटर की यात्रा हजारों साल पुरानी है, जो प्राचीन गणना उपकरणों से शुरू होकर आज के सुपरकंप्यूटर और AI तक पहुंची है। 2025 में, क्वांटम कंप्यूटिंग और AI इंटीग्रेशन ने इसे और उन्नत बनाया है। चलिए इस रोचक यात्रा को समझते हैं।
प्रारंभिक विकास: प्राचीन गणना उपकरण
कंप्यूटर का इतिहास 5000 साल से ज्यादा पुराना है। सबसे पहला गणना उपकरण था एबेकस (Abacus), जो 2400 ईसा पूर्व चीन में विकसित हुआ। यह लकड़ी का फ्रेम था जिसमें मोतियों को सरकाकर जोड़-घटाव किया जाता था। बेबीलोनियन, रोमन और भारतीय सभ्यताओं में भी इसका इस्तेमाल होता था। एबेकस ने गणितीय गणनाओं को सरल बनाया, लेकिन यह मैनुअल था।
17वीं शताब्दी में, ब्लेज़ पास्कल ने पास्कलाइन (Pascaline) बनाई, जो पहला मैकेनिकल कैलकुलेटर था। यह 1642 में बना और जोड़-घटाव करता था। फिर, 1673 में गॉटफ्राइड लाइबनिज़ ने स्टेप्ड रेकनर बनाया, जो गुणा-भाग भी कर सकता था। ये उपकरण कंप्यूटर की नींव थे, लेकिन अभी इलेक्ट्रॉनिक नहीं थे।
यांत्रिक कंप्यूटर: चार्ल्स बैबेज का योगदान
19वीं शताब्दी में, ब्रिटिश गणितज्ञ चार्ल्स बैबेज ने कंप्यूटर की अवधारणा दी। 1822 में, उन्होंने डिफरेंस इंजन डिजाइन किया, जो गणितीय टेबल्स की गणना करता था। लेकिन उनका सबसे महत्वपूर्ण आविष्कार था एनालिटिकल इंजन (Analytical Engine), 1837 में डिजाइन किया गया। यह पहला प्रोग्रामेबल कंप्यूटर था, जिसमें पंच कार्ड्स से इनपुट दिया जाता था।
एडा लवलेस, बैबेज की सहयोगी, ने पहला कंप्यूटर प्रोग्राम लिखा, इसलिए उन्हें दुनिया की पहली प्रोग्रामर कहा जाता है। हालांकि, एनालिटिकल इंजन कभी पूरा नहीं बना, लेकिन इसने आधुनिक कंप्यूटर की आधारशिला रखी। 1890 में, हरमन होलेरिथ ने पंच कार्ड सिस्टम से जनगणना मशीन बनाई, जो IBM की शुरुआत थी।निष्कर्ष
कंप्यूटर का इतिहास एबेकस से AI तक की यात्रा है। प्रत्येक पीढ़ी ने गति, आकार और क्षमता बढ़ाई। 2025 में, कंप्यूटर मानवता के लिए वरदान है। अगर आपको यह लेख पसंद आया, शेयर करें।
पहली पीढ़ी: वैक्यूम ट्यूब कंप्यूटर (1940-1956)
द्वितीय विश्व युद्ध ने कंप्यूटर विकास को तेज किया। पहली पीढ़ी के कंप्यूटर वैक्यूम ट्यूब्स पर आधारित थे। 1945 में, ENIAC (Electronic Numerical Integrator and Computer) बनाया गया, जो दुनिया का पहला इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कंप्यूटर था। जॉन मोचली और जे. प्रेस्पर एकर्ट ने इसे विकसित किया। ENIAC 30 टन वजनी था, 18000 वैक्यूम ट्यूब्स इस्तेमाल करता था और बहुत गर्मी पैदा करता था।
इस पीढ़ी में UNIVAC (1951) आया, जो पहला कमर्शियल कंप्यूटर था। ये कंप्यूटर बड़े, महंगे और कम विश्वसनीय थे, लेकिन गणनाओं को सेकंडों में कर सकते थे। भाषा: मशीन लैंग्वेज। भारत में, पहला कंप्यूटर HEC-2M 1955 में आया।

दूसरी पीढ़ी: ट्रांजिस्टर आधारित कंप्यूटर (1956-1963)
ट्रांजिस्टर के आविष्कार (1947, बेल लैब्स) ने दूसरी पीढ़ी शुरू की। ट्रांजिस्टर वैक्यूम ट्यूब्स से छोटे, सस्ते और कम गर्मी वाले थे। IBM 1401 (1959) इस पीढ़ी का उदाहरण है। ये कंप्यूटर तेज, विश्वसनीय और छोटे थे।
असेंबली लैंग्वेज का इस्तेमाल हुआ, जो मशीन कोड से बेहतर था। COBOL और FORTRAN जैसी हाई-लेवल लैंग्वेज आईं। भारत में, TIFRAC (1956) पहला स्वदेशी कंप्यूटर था। इस पीढ़ी ने बिजनेस और साइंटिफिक कंप्यूटिंग को बढ़ावा दिया।

तीसरी पीढ़ी: इंटीग्रेटेड सर्किट (1964-1971)
जैक किल्बी और रॉबर्ट नॉयस ने इंटीग्रेटेड सर्किट (IC) आविष्कृत किया। IC में हजारों ट्रांजिस्टर एक चिप पर थे। IBM System/360 (1964) इस पीढ़ी का पहला कंप्यूटर था। ये छोटे, तेज और मल्टीटास्किंग कर सकते थे।
ऑपरेटिंग सिस्टम जैसे OS/360 आए। कीमत कम हुई, स्पीड बढ़ी। PDP-8 (1965) पहला मिनी कंप्यूटर था। भारत में, ECIL ने TDC-312 (1970) बनाया। इस पीढ़ी ने कंप्यूटर को आम लोगों तक पहुंचाया।
चौथी पीढ़ी: माइक्रोप्रोसेसर (1971-वर्तमान)
इंटेल के टेड हॉफ ने 1971 में पहला माइक्रोप्रोसेसर Intel 4004 बनाया। यह पूरी CPU एक चिप पर था। Apple II (1977) और IBM PC (1981) पर्सनल कंप्यूटर लाए। माइक्रोसॉफ्ट का MS-DOS और विंडोज आए।
ये कंप्यूटर छोटे, सस्ते और यूजर-फ्रेंडली थे। GUI, माउस और इंटरनेट का विकास हुआ। भारत में, सुपरकंप्यूटर PARAM (1991) आया। इस पीढ़ी ने डिजिटल क्रांति लाई।
पांचवी पीढ़ी: AI और क्वांटम कंप्यूटिंग (1980-वर्तमान)
पांचवी पीढ़ी AI, पैरेलल प्रोसेसिंग और क्वांटम पर फोकस करती है। जापान का Fifth Generation Project (1982) AI कंप्यूटर बनाने का प्रयास था। आज, IBM Watson, Google AI और क्वांटम कंप्यूटर जैसे Google Sycamore (2019) हैं।
2025 में, AI चिप्स जैसे NVIDIA GPUs और क्वांटम सुप्रीमेसी ने स्वास्थ्य, फाइनेंस को बदल दिया। भारत में, AI मिशन 2023 से AI विकास हो रहा है।

आधुनिक युग: क्लाउड, IoT और AI एकीकरण
आधुनिक कंप्यूटर स्मार्टफोन, लैपटॉप और क्लाउड पर हैं। 2007 का iPhone ने मोबाइल कंप्यूटिंग बदला। 2025 में, 5G, IoT और AI हर जगह हैं। क्वांटम कंप्यूटिंग ड्रग डिस्कवरी में क्रांति ला रहा है।
चुनौतियां: साइबर सिक्योरिटी, डेटा प्राइवेसी। भविष्य में, 6G और ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस आएंगे। कंप्यूटर ने दुनिया को छोटा बनाया।

निष्कर्ष
कंप्यूटर का इतिहास एबेकस से AI तक की यात्रा है। प्रत्येक पीढ़ी ने गति, आकार और क्षमता बढ़ाई। 2025 में, कंप्यूटर मानवता के लिए वरदान है। अगर आपको यह लेख पसंद आया, शेयर करें।
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